फिल्मी दुनिया व कहानी-किस्सों से निकलकर अब प्राइवेट जासूसी का ट्रेंड एमपी में भी देखने को मिल रहा है। पहले पति-पत्नी के बाहरी अफेयर की जासूसी के मामले ज्यादातर सुनने मिलते थे, लेकिन अब पेरेंट्स अपने बच्चों के पीछे भी डिटेक्टिव लगा रहे हैं। ट्यूशन और कोचिंग के नाम पर निकला उनका बच्चा कहीं और तो नहीं जा रहा है, उसकी संगत कैसी है? ऐसे मामलों में ज्यादातर टीनएजर्स और कॉलेज स्टूडेंट के माता-पिता प्राइवेट डिटेक्टिव से नजर रखवा रहे हैं।
पेरेंट्स को आशंका है कि कहीं उनकी बेटी अपने बॉयफ्रेंड के साथ घूम तो नहीं रही है, उनका बेटा किसी तरह का ड्रग्स व नशा तो नहीं ले रहा है, इसका पता लगवा रहे हैं। उनके दोस्त कैसे हैं, इसकी जानकारी भी जुटा रहे हैं। इसके अलावा लड़की-पत्नी के मिसिंग मामलों और देश के बड़े शहरों व विदेशों में रहने वाले लोगों की जानकारी-सुराग भी प्राइवेट डिटेक्टिव के माध्यम से जुटाई जा रही है।